आज हम जानेंगे कि पेट दर्द क्या होता है और इसके क्या-क्या कारण, लक्षण, प्रकार, बचाव व उपचार होते हैं। पेट दर्द होना एक आम बात है किंतु इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए क्यूंकि कुछ प्रकार के दर्द अत्यंत घातक या जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। इसलिए जब भी आपके पेट में दर्द होता है तो आप तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं। तो चलिए अब शुरू करते हैं आज का टॉपिक पेट दर्द क्या है? इसके कारण, लक्षण, प्रकार, बचाव व उपचार क्या है? gas पेट दर्द
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पेट दर्द क्या है? (What is Abdominal or Stomach pain in Hindi ?)

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परिभाषा :- वातदोष के असंतुलित होने या किसी अन्य कारण से पेट में दर्द, मरोड़ या चुभने के जैसे दर्द होने को पेट दर्द (Abdominal/Stomach pain) कहते हैं।
पेट दर्द एक सामान्य सी घटना है जो किसी छोटे कारण से शुरू होती है किंतु इस पर समय पर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह खतरनाक भी हो सकती है। पेट दर्द किसी गंभीर बीमारी या गैस बनने या किसी दवाई के साइड इफेक्ट के कारण भी हो सकता है। पेट दर्द का उपचार करना बहुत सरल तरीके से किया जा सकता है इसमें कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
कई तरह के घरेलू उपचारों से घर पर ही पेट दर्द का उपचार किया जा सकता है किंतु यदि घरेलू उपचारों से या प्राथमिक उपचारों से पेट दर्द ठीक नहीं होता है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना चहिए। loose motion पेट दर्द
पेट दर्द के कारण (Causes of Stomachache in Hindi)

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जब भी आपको पेट दर्द होता है तो उसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे- आपका खान-पान और आपकी जीवन दिनचर्या कैसी है आदि। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य विशेष बीमारियों के कारण भी पेट दर्द हो सकता है।
पेट दर्द को दो भागों में बांटा जा सकता है:-
सामान्य कारण (Common causes)
सामान्य कारण के अंतर्गत निम्नलिखित बातें आ सकती है:
अधिक तीखा भोजन
पेट दर्द अधिक तीखा एवं तला हुआ भोजन करने से भी हो सकता है। अधिक तीखा भोजन करने से पेट में मरोड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है तथा दस्त भी हो सकती है। इस प्रकार का दर्द थोड़ी-थोड़ी देर में मरोड़ के साथ आता-जाता रहता है।
आवश्यकता से अधिक भोजन या पानी पीना
आवश्यकता से अधिक भोजन करने या पानी पीने से भी पेट दर्द करता है। इस प्रकार का दर्द 2 से 3 घंटे में अपने आप ठीक हो जाता है।
अशुद्ध पानी पीने या भोजन करने से
कई बार अशुद्ध पानी पीने या फिर अशुद्ध भोजन करने से भी पेट में दर्द होने लगता है।
फास्ट फूड या जंक फूड खाने से
आजकल लोग बाहर का खाना अधिक खाते हैं जिससे लोगों में पेट दर्द की समस्या बढ़ती जा रही है। बाहर का खाना अर्थात् फास्ट फूड अथवा जंक फूड खाने से पेट दर्द की समस्या होती है। जैसे- सैंडविच, पिज्जा, बर्गर, कचौर, समोसा आदि।
बासी खाना खाने से
कई बार लोग शाम का खाना बच जाता है तो उसे सुबह खा लेते है। इसे बासी खाना कहते हैं। बासी खाना खाने से भी कई बार पेट दर्द की समस्या आ सकती है।
महिलाओं में मासिक धर्म के कारण
महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान भी पेट दर्द की समस्या आती है। कई बार मासिक चक्र के दौरान इतना पेट दर्द होता है कि वह असहनीय हो जाता है तथा दर्द से राहत पाने के लिए पैन किलर भी लेनी पड़ती है। mc मे पेट दर्द pregnancy की शुरुआत में पेट दर्द
खाली पेट कार्य करने से
बहुत सी बार लोग खाली पेट रहते समय कोई भारी वजन वाला कार्य कर लेते हैं जिसकी वजह से उनके पेट में दर्द होने लगता है। इसमें पैर दर्द का मुख्य कारण नाभी का डिगना या खिसकना है।
तेज़ दौड़ लगाने से
कभी-कभी लोग जल्दबाजी में तेज़ दौड़ते हैं या फिर जल्दी चलते समय पेट में दर्द होने लगता है। तेज़ दौड़ने या भागने से पेट में दर्द हो सकता है।
संक्रमित भोजन करने से
संक्रमित भोजन करने से भी कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं।
अन्य कारण (Other reasons)

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पेट दर्द के सामान्य कारण के अतिरिक्त कुछ अन्य कारण भी होते हैं जिनसे पेट दर्द की समस्याएं होती हैं। अन्य कारण भी कई प्रकार के होते हैं। पेट दर्द होने के अन्य कारण निम्नलिखित हैं:-
गैस की समस्या के कारण
जब हमारे पेट में गैस बनती है तो पेट में बहुत जोर से दर्द होना शुरु हो जाता है। पेट में गैस बनने के कई प्रकार के कारण होते हैं। पेट में गैस बनने के निम्न कारण हो सकते हैं।
- आवश्यकता से अधिक भोजन करने से
- पेट में अम्ल यानि एसिड बनने से
- पेट में अधिक जीवाणु (Bacteria) पैदा होने से
- दाल,बेसन और चाय पीने से
- भोजन को ठीक से नहीं चबाने से
- बासी खाना खाने से
- पेट में कब्ज होने से आदि
एसिडिटी (Acidity) होने से
जब किसी व्यक्ति को एसिडिटी होती है तो कई तरह की समस्याएं पेट में होने लगती हैं। एसिडिटी होने के कारण पेट में दर्द होने लगता है। एसीडिटी होने से पेट में गैस बनने लगती है, खट्टी डकारें आना शुरु हो जाती है तथा कई बार खट्टी डकारों के साथ में मुंह तक खाना आ जाता है। इन सभी बातों के कारण पेट में दर्द होने लगता है।
आत्रपुच्छ शोथ (Appendicitis) के कारण
कई बार आत्रपूच्छ शोथ यानि अपेंडिसाइटिस के कारण भी पेट में दर्द होने लगता है। अपेंडिसाइटिस से होने वाला दर्द स्त्रीयों की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। अपेंडिक्स(अपेंडिक्स) पेट के दांई ओर नीचे की ओर होता है जिसमे किसी कारण से सूजन आ जाती है जिसके कारण आत्रपुच्छ शोथ यानि अपेंडिसाइटिस हो जाता है और पेट में दर्द होने लगता है।
UTI (Urinary tract infections) के कारण
जब मूत्राशय और मूत्र नली में जीवाणुओं (Bacterias) का संक्रमण (Infection) हो जाता है तो उसे यूटीआई (UTI, Urinary tract infections) कहते हैं। यूटीआई होने के कारण भी पेट में दर्द होने लगता है।
हर्निया (Hernia) से
जब कोई शरीर का अंग अपने स्थान से बाहर अर्थात् अपनी खोल या झिल्ली से बाहर निकल जाता है तो उसे हर्निया (Hernia) कहते हैं। हर्निया (Hernia) के कारण बहुत तेज दर्द होता है। इसी प्रकार जब पेट में हर्निया (Hernia) हो जाता है तो पेट में भी दर्द होने लगता है।
किडनी स्टोन (Kidney stone) से
जब किडनी में पथरी बन जाती है तो उसे किडनी स्टोन (Kidney stone) या गुर्दे की पथरी कहते हैं। जब पेट में पथरी बनने लगती है तो उसके कारण पेट में दर्द होने लगता है।
आईबीएस (IBS, Irritable bowel syndrome) के कारण
जब हमारे शरीर में पचान तन्त्र (Digestive system) की क्रिया के दौरान आंत की मांसपेशियां आवश्यकता से अधिक सिंकुड़ने लगती है तो उसे आईबीएस यानि इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम कहते हैं। आईबीएस के कारण भी पेट में दर्द होने लगता है।
पेट दर्द के लक्षण (Symptoms of Abdominal/Stomach pain in Hindi)

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वैसे तो पेट दर्द के लक्षण पेट में ही किसी भाग में दर्द हो तो वही पेट दर्द के लक्षण होते हैं किन्तु पेट की समस्या या बीमारी के आधार पर पेट दर्द के कुछ लक्षण होते हैं। पेट दर्द के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं:-
- पेट में गैस बनना।
- पेट में जलन होना या मरोड़ होना।
- खट्टी डकारें आना।
- पेट में गड़बड़ाहट होना।
- पेट में चुभने जैसा दर्द होना।
- रुक-रूक कर पेट में दर्द होना।
- पेट में किसी एक भाग में दर्द होना। (right side pet me dard )
- पेट फूलना एवं पेट में भारी महसूस होना। ( नाभि के ऊपर पेट दर्द )
- जी घबराना एवं उल्टी (vomiting) होना।
पेट दर्द का घरेलू उपचार (Home remedies of abdominal pain in Hindi)
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पेट दर्द को रोकने के लिए कई सारे घरेलू उपचार उपलब्ध है जिनकी मदद से पेट दर्द को दूर किया जा सकता है। पेट दर्द को रोकने के लिए निंमलिखित घरेलू उपचार हैं:- (पेट दर्द ka desi ilaj)
एलोवेरा (Aloe Vera)
पेट दर्द को दूर करने के लिए एलोवेरा भी एक अच्छा उपाय है। यदि आपको पेट दर्द की समस्या है तो आप रोज एक या आधा कप एलोवेरा का ज्यूस पिएं। एलोवेरा में कीटाणुओं को नष्ट करने की शक्ति होती है। एलोवेरा (Aloevera) का रस पीने से उल्टी, दस्त (Diarrhea) एवं गैस जैसी परेशानियां भी दूर होती है। इसके अलावा ऐलोवेरा का प्रयोग आयुर्वेद में कई तरह की बीमारियों के उपचार करने में किया जाता है।
अजवाइन (Celery)
पेट दर्द की समस्या होने पर आप अजवाइन का भी सेवन कर सकते हैं। पेट दर्द को दूर करने के लिए आपको एक चम्मच अजवाइन (Celery) के दानों में थोड़ा सा नमक मिलाकर खाने से पेट दर्द ठीक हो जाता है। इस प्रकार अजवाइन का सेवन करने से पचान क्रिया भी अच्छी रहती है। इसके साथ ही पेट की सभी समस्याएं दूर हो जाती है। पेट दर्द ka desi ilaj
पुदीना (Mint)
पुदीना कई प्रकार की पेट की समस्याओं को ठीक करने में काम करता है। इससे कई प्रकार की समस्याएं दूर होती है जैसे:- पेट में गैस बनना, अपच होना, कब्ज़ होना आदि को ठीक करने के लिए आप पुदीना का रस पी सकते हैं। पुदीने के रस से पेट दर्द ठीक हो जाता है। (पेट दर्द ka gharelu upay)
सौंफ (Fennel seeds)
पेट दर्द को ठीक करने में सौंफ भी अहम भूमिका निभाता है। यह कई प्रकार की बीमारियों में लाभ देता है। एक गिलास पानी में सौंफ डालकर गर्म करें। थोड़ी देर उबलने के बाद उसे ठंडा होने दें। फिर उसके बाद सौंफ के रस को छानकर धीरे-धीरे पिएं। दिन में दो से पांच बार सौंफ का रस पीने से पेट दर्द ठीक हो जाता है। सौंफ गैस एवं सूजन में भी राहत प्रदान करता है।
हींग (Asafoetida)
हींग में ज्वरनाशक (Antiflatulent) गुण एवं एंटी-स्पास्मोडिक (Antispasmodic) गुण पाए जाते हैं जो पेट दर्द को ठीक करने में सहायक होता है। अतिरिक्त हींग में बहुत प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह हाइपरएक्टिव पचान तन्त्र (Hyperactive Digestive system) को संतुलित करता है। इससे पेट की ऐंठन कम होती है तथा पेट फूलने की समस्या से आराम मिलता है।
विधि:- एक गिलास गुनगुना पानी लेंऔर उसमें हींग डालें तथा उसे अच्छी तरह मिलाएं तत्पश्चात उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक (Rock salt) डालकर उसका सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
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