आज के समय में ख़ून की कमी एक आम समस्या बन गई है। अनियमित भोजन एवं अनियमित दिनचर्या से लोगों में खून की कमी बढ़ती जा रही है।
ख़ून की कमी से होने वाले रोग को एनीमिया (Anemia) कहा जाता है।
यह रोग तब होता है जब खून में लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells/RBCs) की कमी आ जाती है। यह कमी रूधिर वर्णिका अर्थात हीमोग्लोबिन (Haemoglobin in hindi) की कमी के कारण होती है।
खून की कमी (एनीमिया) होने से शरीर में कई प्रकार की बीमारियां पैदा हो जाती है और प्रतिरक्षा तन्त्र कमज़ोर पड़ जाता है। किसके कारण शरीर में कमज़ोरी आ जाती है।
शरीर में खून की कमी (Anaemia) होने के कारण शरीर में कमज़ोरी, थकान, उच्च रक्तचाप (High Blood pressure), निम्न रक्तचाप (Low Blood pressure), शरीर में उर्जा की कमी, अनियमित तरीके से हृदय की धड़कन, अनिद्रा, चक्कर आना, शरीर का पीला रंग होना, हाथ पैर दर्द होना, सिरदर्द होना आदि खून की कमी होने के लक्षण हैं।
एनीमिया एक खून की कमी से संबंधित रोग है जिसे हिंदी में रक्ताल्पता (Lack of Blood, खून की कमी) कहते हैं। यह रोग स्त्रीयों में अधिक देखने को मिलता है अर्थात् खून की कमी स्त्रीयों में अधिक होती है।
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खून की कमी या एनीमिया क्या है? (What is anemia in Hindi ?)

khoon ki kami kya hoti hai ? Anemia kya hai in hindi
हमारे शरीर के रक्त में अलग–अलग घटक पाए जाते हैं जिनमें से एक लाल रक्त कणिकाएं (RBCs) भी होती है। ये लाल रक्त कणिकाएं ऑक्सीजन (Oxygen) को रक्त के माध्यम से पूरे शरीर में ले जाने का काम करती है।
जब रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells) की कमी आ जाती है तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है किसके कारण शरीर में नया खून नहीं बन पाता है और शरीर में खून की कमी आ जाती है । इस बीमारी को ही खून की कमी (रक्ताल्पता) या एनीमिया कहते हैं।
एनीमिया के प्रकार (Types of anemia in Hindi)

एनीमिया कितने प्रकार का होता है ? Anemia kitne prakar ka hota hai in Hindi Anemia ke prakar in hindi
खून की कमी यानि Anaemia भी कई प्रकार का होता है जो अलग-अलग कारणों से होता है । एनीमिया के प्रकार निम्नलिखित है-
सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anemia)
सिकल सेल एनीमिया किस प्रकार का रोग है ?
सिकल सेल एनीमिया एक प्रकार का अनुवांशिक रोग है जो हीमोग्लोबिन जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है। इस रोग में लाल रक्त कणिकाएं हंसियाकार, कठोर तथा असामान्य आकार की हो जाती है। इस रोग को सिकल सेल रक्ताल्पता या सिकल सेल रोग (Sickle cell disease, SCD) भी कहा जाता है।
इस रोग के कारण व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा (anticipation) में कमी आ जाती है। इसमें पुरुषों की औसतन जीवन प्रत्याशा 42 तथा स्त्रीयों की जीवन प्रत्याशा 48 हो जाती है।
आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया (Iron Deficiency Anemia)
इस प्रकार का रोग रक्त में खनिज पदार्थ की कमी के कारण होता है। इसमें रोगी के रक्त में आयरन की कमी आ जाती है जिसके कारण रक्त शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं कर पाता है। और जब शरीर में ऑक्सीजन की कमी आ जाती है तो नया रक्त बनना बंद हो जाता है। जिससे शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है।
विटामिन डिफिशिएंसी एनीमिया (Vitamin deficiency anemia)
यह एनीमिया का वह प्रकार है जिसमें विटामिन की कमी के कारण खून की कमी हो जाती है। रक्त में आयरन की कमी के अतिरिक्त जब विटामिन बी-12 की कमी हो जाती है तो उसे विटामिन डिफिशिएंसी एनीमिया कहते हैं। विटामिन बी-12 शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित (Control) रखने का कार्य करता है।
इसके अलावा यह नाखूनों (Nails), बालों ( Hairs) एवं त्वचा को मजबूत रखने में मदद करता है तथा शरीर को ऊर्जावान बनाने का कार्य करता है।
थैलेसीमिया (Thalassemia)
यह एनीमिया का वह प्रकार है जो अनुवांशिक विकार के कारण उत्पन्न होता है अर्थात् माता-पिता से उनके बच्चों को मिलने वाला रोग है। इसमें हीमोग्लोबिन के डीएनए (DNA) में गड़बड़ी होने के कारण हीमोग्लोबिन का निर्माण नहीं हो पाता है जिसके कारण शरीर में रक्त की कमी (anaemia) हो जाती है।
एप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia)
यह रोग अस्थि मज्जा (Bone marrow) से संबंधित है जिसके कारण रक्त निर्माण की प्रक्रिया बाधित हो जाती है। अस्थि मज्जा के भीतर जब स्टेम कोशिकाओं (Stem cells) को किसी प्रकार की क्षति पहुंचती है तो रक्त का निर्माण होना बंद हो जाता है।
एनीमिया के लक्षण (Symptoms of Anemia in Hindi)

एनीमिया के क्या-क्या लक्षण होते हैं? Anemia ke lakshan in Hindi
खून की कमी (एनीमिया) के कई लक्षण होते हैं जो अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकते हैं । इनके अतिरिक्त कुछ कॉमन लक्षण भी होते हैं जो निम्नलिखित है –
- थकान एवं कमज़ोरी महसूस होना
- चक्कर आना
- चलने पर सांस फूलना
- सिरदर्द होना
- त्वचा का पीला पड़ना
- नाखूनों, पलकों एवं जीभ आदि का रंग सफ़ेद होना
- हृदय गति का अनियंत्रित होना
- चेहरे एवं हाथ-पैरों में सूजन आना
- एकदम बेहोश हो जाना
- सांस लेने में समस्या होना आदि
एनीमिया के कारण (Causes of Anaemia in Hindi)
खून की कमी होने के क्या कारण है ? Khoon ki kami ke karan in Hindi anemia ke karan
शरीर में खून की कमी अर्थात् एनीमिया होने का मुख्य कारण रक्त में लाल रक्त कणिकाओं की पूर्ति न हो पाना है । शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होने के निम्नलिखित कारण है –
- एनीमिया होने का सबसे बड़ा कारण लोह युक्त पदार्थों का सेवन न करना
- मलेरिया (Malaria) होने के कारण रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) की कमी हो जाना
- शरीर में विटामिन की कमी होने के कारण भी एनीमिया हो सकता है
- लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों जैसे- शुगर आदि के कारण भी एनीमिया होने की आशंका रहती है।
- शरीर से किसी चोट, एक्सीडेंट या घाव के कारण खून निकल जाने से होने वाला एनीमिया
- अधिक बार गर्भ धारण करने से
- ऋतु स्त्राव यानि महावारी (Menstrual cycle) के समय में अधिक मात्रा में रक्त बह जाने से भी एनीमिया हो सकता है
- पेट में अल्सर होने से ख़ून निकल जाने से भी शरीर में खून की कमी (एनीमिया) हो सकता है
- वृद्धावस्था के कारण भी खून की कमी यानि एनीमिया हो सकता है
- किडनी का रोग होने से होने वाली खून की कमी
एनीमिया (ख़ून की कमी) से बचाव (Prevention of Anamia in Hindi)
एनीमिया (खून की कमी) से कैसे बचा जा सकता है? Khoon ki kami se kaise bachen in Hindi khoon ki kami ko kaise pahchane
ख़ून की कमी से बचा भी जा सकता है और नहीं भी। क्यूंकि एनीमिया के कुछ प्रकार ऐसे हैं जिनसे नहीं बचा जा सकता है।
सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anaemia) एक अनुवांशिक रोग है। जिसके कारण यह रोग अपने माता-पिता से संतानों में स्थानांतरण होता है। इसलिए इस रोग से नहीं बचा जा सकता है। इसके अतिरिक गंभीर चोट लगने या एक्सीडेंट होने पर भी बहुत रक्त बह जाता है जिसके कारण शरीर में रक्त की कमी आ जाती है।
इनके अतिरिक्त कुछ प्रकार ऐसे हैं जिनसे बचा जा सकता है। एनीमिया (ख़ून की कमी) से बचाव निम्नलिखित है –
• भरपूर मात्रा में आयरन युक्त पदार्थों जैसे – सेब, पालक, चुकुंदर, गाजर, हरी सब्जियां, गुड़, मूंग, चना आदि का सेवन करें।
• सेब, अनार, केला आदि फलों का अधिक सेवन करें।
• फोलिक एसिड और विटामिन बी युक्त पदार्थों का प्रयोग करें
• छुहारे एवं किशमिश का सेवन करें
• रोज शाम को हल्दी वाला दूध पिएं
• खट्टी चीज़ों का सेवन अधिक करें क्योंकि इनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में आयरन को कम नहीं होने देता है।
• मूंगफली एवं साबुत अनाज का सेवन अपनी दिनचर्या में शामिल करें । इनमे भी भरपूर मात्रा में आयरन होता है।
• प्रतिदिन अधिक मात्रा में पानी पिएं।
• ड्राई फ्रूट्स (Dry fruits) जैसे – बादाम, पिस्ता, अखरोट आदि में भी आयरन एवं मैग्नेशियम, कैल्शियम तथा भरपूर मात्रा में विटामिंस पाए जाते हैं। इनका सेवन करने से भी हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ता है।
• टमाटर, शहद एवं सोयाबीन में भी आयरन अधिक मात्रा में पाया जाता है । इनका सेवन करने से भी हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ता है।
खून की कमी (एनीमिया) के घरेलू उपाय (Home remedies of Anamia in Hindi)
खून की कमी के घरेलू उपाय बताइए? Khoon ki kami ke gharelu upchar in Hindi Khoon ki kami kaise dur hogi anemia ke gharelu upay
एनीमिया का उपचार घर पर करना बहुत कठीन होता है। लेकिन फिर भी इसका घरेलू उपाय से कुछ हद तक खून की कमी को दूर किया जा सकता है। एनीमिया का उपचार उसके प्रकारों पे निर्भर करता है। व्यक्ति को जिस प्रकार का एनीमिया होता है उसी प्रकार से उसका उपचार करने पर ही लाभ मिलता है।
एनीमिया के घरेलू उपचार निम्नलिखित है –
सेब और अनार से दूर करें एनीमिया

अनार एवं सेब में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। प्रतिदिन एक-एक सेब एवं अनार का सेवन करने से खून की कमी को दूर किया जा सकता है।
शहद और नींबू के सेवन से ठीक होता है एनीमिया
शहद में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और इसके अलावा कई प्रकार के अन्य खनिज पदार्थ भी होते हैं ।
एक गिलास साफ़ पानी में एक नींबू का रस एवं एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से खून की कमी को दूर किया जा सकता है।
चुकंदर से दूर होता है एनीमिया

चुकंदर में बहुत अधिक मात्रा में आयरन उपस्थित रहता है। ख़ून की कमी दूर करने में चुकंदर बहुत अधिक लाभदायक होता है। प्रतिदिन चुकंदर का सेवन करने से खून की कमी दूर होती है और एनीमिया रोग ठीक हो जाता है।
अंगूर और आम जैसे फलों से दूर करें एनीमिया
अंगूर एवं पके हुए आम में भी आयरन की मात्रा पाई जाती है। इनका प्रतिदिन सेवन करने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
इसके अतिरिक्त सभी प्रकार के फलों का सेवन करें इससे शरीर में विटामिन की पूर्ति भी होती है।
तुलसी और ऐलोवेरा भी एनीमिया के उपचार में लाभकारी
तुलसी भी खून की कमी दूर करने में उपयोगी होती है। प्रतिदिन किसी भी माध्यम से तुलसी के पत्तों का सेवन करने से भी ख़ून की कमी दूर होती है। इसके अलावा रोज़ ऐलोवेरा का जूस पीने से भी हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ता है।
गुड़ और मूंगफली भी दूर करे एनीमिया
गुड़ और मूंगफली में भी अधिक मात्रा में आयरन की मात्रा पाई जाती है। इनका सेवन करने से भी ख़ून की कमी दूर होती है। आप गुड़ एवं भूनी हुई मूंगफली की चक्की बनाकर खा सकते हैं।
मशरूम (mushroom) भी दूर करें खून की कमी
मशरूम जिसे हिंदी में कुकुरमुत्ता कहते हैं । यह भी एनीमिया को दूर करने में उपयोगी होता है। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। इसका सेवन करने से भी हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
एनीमिया के नुकसान या जटिलताएं (Complications of Anamia in Hindi)
एनीमिया के नुकसान या हानियां क्या है ? Anaemia ke nuksan in Hindi
शरीर में एनीमिया (ख़ून की कमी) होने पर कई तरह की जटिलताएं आ सकती है और शरीर को भी नुकसान हो सकता है। एनीमिया के कुछ नुकसान ऐसे हैं जिनसे जान भी जा सकती है। एनीमिया के नुकसान निम्नलिखित हैं –
- अत्यधिक थकान आना
हृदय (Heart) से संबंधित जटिलताएं आ सकती है जैसे – हृदय के आकार में परिवर्तन, हृदय को शरीर में रक्त की पूर्ति के लिए अधिक पंप या जोर लगाना पड़ सकता है।
3. गर्भवती स्त्रीयों का समय से पहले बच्चे को जन्म देना यह समस्या स्त्रीयों में फोलेट (फोलिक एसिड) की कमी के कारण उत्पन्न हुए एनेमिया के कारण आती है।
- मृत्यु होना – दरांती कोशिका अरक्तता (sickle cell anemia) एक जन्मजात रोग है। यह एनेमिया बहुत गंभीर और जानलेवा होता है जिससे मृत्यु भी हो सकती है।
एनीमिया से जुड़े कुछ सवाल (Some questions related to anemia in Hindi)
एनीमिया से जुड़े सवाल निम्नलिखित है –
खून की कमी से कोनसा रोग होता है ?
शरीर में खून की कमी होने के कारण एनीमिया (Anaemia) नामक रोग होता है।
लाल रक्त कणिकाएं हंसियाकार किस रोग में होती है ?
रक्त में लाल रक्त कणिकाएं हंसियाकार सिकल सेल एनीमिया नामक रोग में होती है।
सिकल सेल एनीमिया किस प्रकार का रोग है ?
सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक रोग है जो हीमोग्लोबिन जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है। इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाएं हंसियाकार, कठोर तथा असामान्य आकार की हो जाती है।
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